Friday, November 11, 2011

मै कौन हूँ

मै मानव हूँ,या दानव हूँ,
प्रकाश हूँ,या अंधकार हूँ।
कोई संगीत हूँ,या कोई शोर हूँ,
न जाने किसका मै छोर हूँ?

दिन हूँ,या रात हूँ,
शब्द हूँ,या बात हूँ।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?

मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?

भोर की मधुबेला हूँ,शाम की गोधुली वेला हूँ,
दुनिया के भीड़ में भी,
न जाने क्यों,
मै तो बस आज अकेला हूँ।

सूरज की पहली किरण हूँ,
या सूर्यास्त की लालिमा हूँ।

दिन का ऊजाला हूँ,या रात की कालिमा हूँ।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?

मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?
मै फूल हूँ,या शूल हूँ,
मिट्टी हूँ मै या धूल हूँ।

इक बीज हूँ,या वृक्ष हूँ,
सुदूर हूँ या समक्ष हूँ।

मै डाली हूँ,या तना हूँ,
किस रँग‍रुप में मै सना हूँ।

मै इक फूल हूँ,या पूरा बाग हूँ,
इक हँस हूँ,या मै काग हूँ।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?

मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?

इक धारा हूँ,या नदी हूँ,
सागर हूँ,युग हूँ,मै सदी हूँ।

इक आत्मा हूँ,या परमात्मा हूँ,
सगुण हूँ,या निर्गुण हूँ।

इक ख्वाब हूँ,या सत्य हूँ,
जीवित हूँ मै या मृत हूँ।

मनमीत हूँ,मनचोर हूँ,
अलगाव हूँ,या जोड़ हूँ।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?

मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?

दुर्बल हूँ मै या सर्वशक्तिमान हूँ,
इक सत्य से अनजान हूँ।

मै ज्ञान हूँ,विज्ञान हूँ,
मुर्ख हूँ मै अज्ञान हूँ।
समझदार हूँ या नादान हूँ,
सम्मान हूँ,या अपमान हूँ।

आदि हूँ मै या अंत हूँ,
कब से हूँ मै,जब से हूँ मै।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?

मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?

मै गगन हूँ,अंतरिक्ष हूँ,
मँजिल हूँ मै ,मै ही लक्ष्य हूँ।

इक तारा हूँ,या चाँद हूँ,
मै एक हूँ,या अनेक हूँ।

नारी हूँ मै या पुरुष हूँ,
ममता हूँ मै,मै ही प्रेम हूँ।

आँख हूँ या आँखों का काजल हूँ,
आँसू की हर बूँद का इक जल हूँ।

इक क्षण हूँ,इक पल हूँ,
निर्बल हूँ,या सबल हूँ।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?

मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?

मै शिशु हूँ,या पिता हूँ,
बच्चा हूँ,या माता हूँ।

जग हूँ मै संसार हूँ,
जीत हूँ या हार हूँ।

सृजन हूँ मै संहार हूँ,
घृणा हूँ या मै प्यार हूँ।

मै भाव हूँ,या अभाव हूँ।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?
मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?

मै प्रश्न हूँ,या हल हूँ,
मै आज हूँ,या कल हूँ।

मै भूत हूँ,या भविष्य हूँ,
अज्ञात हूँ,या दृश्य हूँ।

मै देश हूँ,मै ही वेश हूँ,
माहौल हूँ मै परिवेश हूँ।

जो हूँ मै वही हूँ क्या,
या सब कुछ है जगत में मिथ्या।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?

मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?

मै तुझमे हूँ,मै खुद में हूँ,
क्यों मै हूँ,तुम क्यों ना हूँ?

इक क्षण में हूँ,इक पल में हूँ,
मै तो अनंत युग और सदियों में हूँ।

ब्रह्मांड हूँ,इक प्राण हूँ,
शांति हूँ,स्नेह हूँ,निर्वाण हूँ।

अनुभव हूँ मै,अनुमान हूँ,
हर जीव की इक पहचान हूँ।

सम्पूर्ण हूँ मै,आत्मज्ञान हूँ,
ईश्वर हूँ मै,मै ही भगवान हूँ।

इस प्रश्न पर आज क्यों मौन हूँ,
न जाने मै कौन हूँ?

मै कौन हूँ,मै कौन हूँ?